सिंघु बॉर्डर हत्या मामले में 3 और निहंगों का सरेंडर

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सोनीपत । Surrender of 3 more Nihangs:  सिंघु बॉर्डर पर तरनतारन के गांव चीमा के रहने वाले लखबीर सिंह की हत्या के मामले में 4 आरोपी सरेंडर कर चुके हैं। शनिवार शाम को पुलिस ने भगवंत सिंह और गोबिंद सिंह नाम के 2 निहंगों ने कुंडली बॉर्डर पर सरेंडर किया। सरेंडर से पहले दोनों ने डेरे में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के सामने अरदास की। शनिवार शाम को सरेंडर करने वाले निहंगों को लेने के लिए सोनीपत पुलिस की एक टीम रात लगभग साढ़े 8 बजे सिंघु बॉर्डर पर निहंगों के डेरे में पहुंची थी और करीब 45 मिनट बाद दोनों को वहां से लेकर निकली। सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार सुबह हुई लखवीर सिंह की हत्या में अब तक कुल 4 निहंग सरेंडर कर चुके हैं।

इनमें से सरबजीत सिंह ने हत्या के 15 घंटे बाद शुक्रवार शाम को ही सिंघु बॉर्डर पर सरेंडर कर दिया था, जबकि 3 निहंगों ने शनिवार को सर्मपण किया। शनिवार को नारायण सिंह ने अमृतसर में और भगवंत सिंह और गोबिंद सिंह ने सिंघु बॉर्डर पर कुंडली पुलिस के सामने सरेंडर किया। सोनीपत के स्क्क जशनदीप रंधावा ने बताया कि कुंडली पुलिस और सोनीपत क्राइम ब्रांच की टीम शनिवार रात में ही दोनों निहंगों का सोनीपत सिविल अस्पताल में मेडिकल करवाएगी।

निहंग नारायण सिंह ने कबूली लखबीर का पैर काटने की बात: निहंग नारायण सिंह ने कबूल किया कि उसने मरने वाले लखबीर सिंह का पैर काटा। निहंग ने बताया कि वह दशहरा मनाने के लिए अमृतसर से निकला था। शुक्रवार सुबह करीब 5 बजे सिंघु बॉर्डर पर पहुंचा। वहां इकट्ठे हुए लोगों ने उसकी गाड़ी पर हाथ मारने शुरू कर दिए। बाहर निकलने पर लोगों ने बताया कि लखबीर ने गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की है। उसने वहां मौजूद लोगों से पूछा कि क्या लखबीर अभी तक जिंदा है। उसने जब लखबीर को देखा, तो उसका हाथ कटा हुआ था। इसके बाद नारायण ने तलवार से लखबीर का पैर काट दिया। आधे घंटे बाद उसकी मौत हो गई।

सोनीपत के डीएसपी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें अमृतसर में निहंग नारायण सिंह के सरेंडर की सूचना वहां की पुलिस से मिल गई थी। सोनीपत पुलिस की एक टीम अमृतसर के लिए रवाना कर दी गई है, जो निहंग नारायण सिंह को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर आएगी। सिंह ने कहा कि यहां सरबजीत और नारायण सिंह को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जाएगी, जिससे जांच में तेजी आएगी। इन दोनों से यह भी पता चल सकेगा कि इस हत्या में उनके साथ और कौन-कौन शामिल था।

अमृतसर से सरेंडर चाहती थी संगत 
दिल्ली का निहंग नारायण सिंह समर्पण करने के लिए सुबह ही सिंघु बॉर्डर से निकल चुका था। नारायण सिंह का कहना था कि संगत ने उसे अमृतसर में सरेंडर करने के लिए कहा था। इसके बाद वह अमृतसर पहुंचा। जानकारी के अनुसार वह पुलिस से छिपते हुए देवीदास पुरा पहुंचा था।

नारायण ने अरदास के बाद किया समर्पण 
नारायण सिंह के पहुंचने की खबर मिलने के बाद दोपहर में ही पुलिस ने गांव को घेर लिया था। इसके बाद नारायण ने कहा कि अरदास के बाद खुद ही समर्पण कर देगा। अरदास के बाद वह गुरुद्वारा साहिब से बाहर आया और सरेंडर कर दिया। अमृतसर रूरल के स्स्क्क राकेश कौशल का कहना है कि फिलहाल निहंग नारायण सिंह उनकी कस्टडी में है। हरियाणा पुलिस के अमृतसर पहुंचते ही उसे हैंडओवर कर दिया जाएगा। पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी देने की बात कही है।